वर्तमान में श्रीमति भौनवाल पर्यावरण के क्षेत्रों में कार्य कर रही है आज की प्रेस कान्फेन्स में उन्होंने बताया कि दीपावली के अवसर पर उन्हें यह देखकर बहुत दुख होता था कि पूजा के पश्चात् लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों को इधर-उधर फेक दिया जाता है अथवा उन्हें नदियों में प्रावहित कर दिया जाता है। इससे एक ओर जहाँ पूज्य देवी-देवताओं का अपमान होता था वही दूसरी ओर नदियों में प्रदूषण की समस्या उत्पन हो रही थी।
इनसे बचने के लिये तथा पर्यावरण को संरक्षित रखने के उद्देश्य से इन्होंने कच्ची मिट्टी के लक्ष्मी-गणेश तथा दीये बनवाकर जन सामान्य के समक्ष प्रस्तुत किये कच्ची मिट्टी की उन मूर्तियों को 1 घर मे ही एक बाल्टी पानी में रखकर विसंजित किया जा सकता है। इस प्रकार का विसंजन सम्मान जनक है तथा नदियों को भी प्रदूषित होने से बचाता है।
हमारी वर्तमान राज्यपाल श्रीमति आनन्दी बेन पटेल ने इस प्रयास की सराहना की है। शिक्षित लोगो द्वारा इस प्रयास को स्वीकार किया गया है तथा वे कच्ची मिट्टी से बने लक्ष्मी गणेश की मूर्तियाँ को प्रयोग मे ला रहे है इनका प्रयास है कि इन मूर्तियों का और अधिक प्रचार-प्रसार किया जाये ताकि अधिक से अधिक लोग इन्हें अपनाये।
श्रीमति मोनिका मौनवाल ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण का एक महत्वपूर्ण पक्ष रसोई घर के कचरे का समूचित प्रबंधन है । प्रायः हम देखते हैं कि रसोई घर के कचरे को सड़क अथवा गलियों में

श्रीमति मोनिका का जन्म लखनऊ में हुआ तथा उनकी शिक्षा-दीक्षा भी लखनऊ में ही हुयी। लखनऊ विश्वद्यिालय से एम०ए० तथा एल०एल०बी० की परीक्षा उत्तीर्ण की। श्रीमति मोनिका मौनवाल की बैडमिन्टन खेल के प्रति रूचि प्रारम्भ से ही रही तथा इन्होने प्रदेश विश्वविद्यायल तथा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल प्राप्त किये। वर्ष 2002 में आस्ट्रेलिया में आयोजित मार्स्टस वर्ल्ड गेम की महिला डबल्स प्रतियोगिता में विजय प्राप्त कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया। तत्पश्चात 2008 में दुबई की ओपन प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल प्राप्त किया। इतना ही नहीं, श्रीमति भोनवाल ने अम्पायरिंग के क्षेत्र में भी अपना प्रभाव छोड़ा तथा वर्ष 2002 में ही अर्न्तराष्ट्रीय अम्पायरिंग की परीक्षा उत्तीर्ण करके अर्न्तराष्ट्रीय स्तर की अम्पायर बनी।
श्रीमति मौनवाल ने बैडमिन्टन खेल के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। वर्ष 2010 में इन्होंने करीना कपूर की बिगेस्ट फैन का अवार्ड प्राप्त किया तथा वर्ष 2015 में सिंगापुर में आयोजित "एशिया पैसीफिक वूमैन ऑफ सब्सटैन्स " (Asia Pacific Woman of Substance) का खिताब जीता।

इधर-उधर फेक दिया जाता है इससे गन्दगी पैदा होती है जो हमारे स्वास्थ्य को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है क्योंकि मक्खी, मच्छर, बैक्टीरिया वायरस आदि इसी गन्दगी से पनपते है और
हमे बीमार करते है अतः आवश्यकता इस बात की है कि इस कच्चरे का समुचित निस्तारण किया जाये। लोकभारती के सहयोग से इस कचरे के निस्तारण के लिए एक बहुत ही सरल विधि बनाई गई
है इसके लिए एक कचरा निस्तारण पात्र विकसित किया गया है। रसोई घर के कचरे को इस पात्र मे डाला जाता है तथा प्रारम्भ में एक छोटी सी मात्रा में एक रसायन डाला जाता है इसके प्रभाव से यह कचरा तरल खाद में परिवर्तित हो जाता है जिसे घर के गमले में प्रयोग में लाया जा सकता है। इससे न तो कोई दुर्गन्ध पैदा होती है और घर में पूर्ण सफाई बनी रहती है।
कचरा निस्तारण पात्र और विधि को जन सामान्य तक पहुँचाने के उद्देश्य से श्रीमति मोनिका भौनवाल शहर के प्रत्येक नगर-निगम वार्ड में कार्यक्रम करके कचरा निस्तारण पात्रों का निःशुल्क वितरण कर रही है। शहर के 10 वार्डो में यह कायक्रम हो चुका है तथा अन्य क्षेत्रों में उनका यह कार्यक्रम प्रस्तावित है।
इसके अतिरिक्त श्रीमति भौनवाल ने बताया कि वृक्षारोपण के क्षेत्र में भी वे सक्रियता से कार्य कर रही है सामान्य पौधों के स्थान पर अपने प्राचीन वृक्षों बरगद, पीपल, पाखंड, महुआ आदि के पौधें रोपित किये जा रहे है श्रीमति भौनवाल लोक भारती के कार्यक्रम 'हरिसंकरी रोपण पर भी संक्रियता से कार्य कर रही है। इसके अर्न्तर्गत बरगद, पीपल तथा पाखड के पौधे एक ही थाले में लगाये जाते हैं। हरिसकरी जल संरक्षण तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए बहुत ही आवश्यक है । एक ओर जहाँ इनकी जड़े जल संचित करती है वही ये वृक्ष वातावरण को शुद्ध करने तथा पक्षियों के लिए फल तथा आश्रय देने के लिए बहुत ही आवश्यक है।
इस अवसर पर श्री अनिल सिंह संयोजक, लोक अधिकार मंच भी उपस्थित रहे उन्होंने श्रीमति मौनवाल के प्रयासों की सराहना की तथा उनके इन कार्यों में लोक अधिकार मंच की ओर से पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन भी दिया।
